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30 Jun 2025, Mon

कंकाली माता के आँगन में बंधे 191 जोड़े, सामाजिक समरसता की अनोखी मिसाल बनी मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना

शहडोल, म.प्र. — मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकाह योजना के तहत शहडोल जिले की सोहागपुर जनपद पंचायत अंतर्गत प्रसिद्ध कंकाली माता मंदिर प्रांगण, अंतरा में एक भव्य सामूहिक विवाह समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें कुल 191 जोड़े वैवाहिक बंधन में बंधे। इनमें 188 हिंदू जोड़ों की शादी और 3 मुस्लिम जोड़ों का निकाह पारंपरिक रीति-रिवाजों के अनुसार संपन्न हुआ।

इस आयोजन ने सामाजिक समरसता, सामूहिकता और सरकार की जनकल्याणकारी नीतियों को धरातल पर साकार करने का एक आदर्श उदाहरण प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में जिला प्रशासन ने मेजबान की भूमिका निभाई, जबकि जनप्रतिनिधि और आम जनमानस बाराती बनकर शामिल हुए। विवाह स्थल पर पारंपरिक ढोल-ढमाके, बाजे-गाजे और वरमाला रस्मों के साथ एक उल्लासपूर्ण माहौल देखने को मिला।

मुख्य आयोजन और प्रशासनिक सहभागिता
बारात की अगुवाई जिले के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा की गई, जिनमें मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री नरेंद्र सिंह, एसडीएम सोहागपुर श्री अरविंद शाह, अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री मुद्रिका सिंह और तहसीलदार श्री अनुराग निगम शामिल थे। वर-वधू और उनके परिजन रंग-बिरंगे पारंपरिक परिधानों में सुबह से ही विवाह स्थल पर पहुंचने लगे थे। ग्रामीणों द्वारा मेहमानों का स्वागत उत्साहपूर्वक किया गया।

राज्य सरकार की ओर से सहायता
हर नवविवाहित जोड़े को मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह/निकाह योजना के अंतर्गत ₹49,000 का चेक भेंट किया गया, जिससे वे अपने गृहस्थ जीवन की शुरुआत के लिए आवश्यक सामग्री एवं खर्चों की पूर्ति कर सकें। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती प्रिया सिंह बघेल ने किया।

विशिष्ट अतिथि और वक्तव्य
मुख्य अतिथि विधायक श्रीमती मनीषा सिंह (जयसिंहनगर) ने कहा,

“यह योजना सामाजिक समरसता का प्रतीक है। इससे सभी वर्गों की बेटियों का विवाह गरिमामय तरीके से हो रहा है। अब किसी गरीब को बेटी की शादी के लिए कर्ज लेने या जमीन गिरवी रखने की जरूरत नहीं पड़ेगी।”


हर्ष, उल्लास और सामाजिक सौहार्द्र से भरे माहौल में सोहागपुर जनपद की प्रसिद्ध कंकाली माता मंदिर प्रांगण एक ऐतिहासिक पल का साक्षी बना। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह/निकाह योजना अंतर्गत आयोजित इस भव्य कार्यक्रम में 188 जोड़ों ने हिन्दू रीति-रिवाज से और 3 जोड़ों ने मुस्लिम परंपरा अनुसार एक-दूसरे को वरमाला पहनाकर वैवाहिक बंधन में बंधे।

दूल्हे-दुल्हनों के चेहरों पर थी चमक, रिश्तेदारों की आंखों में भावुकता और गर्व था पूरे समाज में।

वर-वधुओं के स्वागत में सजाई गई रंग-बिरंगी पंडालें, ढोल-नगाड़ों की गूंज और पारंपरिक लोकधुनों पर झूमती बारातें — यह सब किसी उत्सव से कम नहीं था। बारात की अगुआई जिला प्रशासन ने की, जबकि मंच से लेकर मैदान तक जनप्रतिनिधि और आमजन बराती बनकर शामिल हुए।

“अब बेटियाँ ससुराल खाली हाथ नहीं जाएंगी” — इस संकल्प के साथ राज्य सरकार ने नवविवाहित जोड़ों को ₹49,000 की राशि का चेक भेंट किया, ताकि उनका गृहस्थ जीवन सुखमय हो सके।

कई हस्तियों ने की शिरकत:
कार्यक्रम में जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती प्रभा मिश्रा, उपाध्यक्ष श्रीमती फूलवती सिंह, नगर पालिका अध्यक्ष श्री घनश्याम जायसवाल, समाजसेवी श्रीमती अमिता चपरा सहित प्रशासन और समाज के प्रमुख लोग शामिल रहे।

जब प्रशासन बना घराती, और जनप्रतिनिधि बने बराती — तो सामाजिक समरसता का यह आयोजन एक ऐतिहासिक उदाहरण बन गया। कंकाली माता के साक्षी में, यह आयोजन समाज को जोड़ने का, बेटियों को सम्मान देने का और परंपरा को आधुनिक संवेदना से जोड़ने का एक सफल प्रयास सिद्ध हुआ।


इस आयोजन ने न केवल शासकीय योजनाओं की सार्थकता को रेखांकित किया, बल्कि सामाजिक सौहार्द, एकता और परस्पर सहयोग की मिसाल भी पेश की।

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By admin

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