चितरंगी (सिंगरौली)।
जिस थाना परिसर से अपराधियों को डरना चाहिए, उसी थाने से मात्र 200 मीटर की दूरी पर कई बार मोटरसाइकिल चोरी की वारदात ने सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी है
ताजा मामला मध्यांचल ग्रामीण बैंक चितरंगी में पदस्थ कार्यालय सहायक सरफराज आलम, निवासी अशानंदपुर नया टोला, भागलपुर (बिहार) से जुड़ा है, जिनकी अपाचे RTR बाइक (MP 66 MD-8024) 3 जून की रात से लापता है। वाहन को उन्होंने अपने किराए के मकान (अतुल दुबे के घर) के बरामदे में खड़ा किया था, लेकिन अगली शाम जब वह उसे लेने पहुंचे, तो मोटरसाइकिल गायब मिली। लाख तलाश के बाद भी आज तक कोई सुराग नहीं मिला।
सरफराज की रिपोर्ट से ज्यादा चौंकाने वाली बात यह है कि यह पहली वारदात नहीं है — पिछले कुछ महीनों में चितरंगी क्षेत्र से तीन से चार मोटरसाइकिलें चोरी हो चुकी हैं, और हर बार पुलिस महज रिपोर्ट लिखने और ‘जांच जारी है’ कहकर इतिश्री कर लेती है प्रश्न बड़ा है – क्या चोरों को अब पुलिस का डर नहीं रह गया है? चितरंगी थाना परिसर के आसपास जिस तरह से एक के बाद एक बाइक चोरी की घटनाएं हो रही हैं, उसने यह साफ कर दिया है कि अपराधी न सिर्फ सक्रिय हैं, बल्कि निडर भी हो चुके हैं। और इसका सबसे बड़ा कारण है – पुलिस की लापरवाह कार्यशैली और निष्क्रियता आखिर कब तक आम जनता अपनी गाढ़ी कमाई यूं ही गंवाती रहेगी? एक अपाचे बाइक की कीमत करीब ₹45,000 है यही नहीं, कई ग्रामीणों की मोटरसाइकिलें जो उनकी रोजी-रोटी का जरिया हैं, वो इसी तरह गायब हो चुकी हैं। लेकिन न तो कोई गिरफ़्तारी, न कोई सुराग, और न ही पुलिस की ओर से सख्त कार्रवाई का कोई संकेत यदि अब भी प्रशासन नहीं जागा, तो चितरंगी में ‘चोरी’ एक समान्य बात बन जाएगी इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार कौन है? थाने के ठीक बगल से लगातार हो रही चोरियों के बावजूद पुलिस का सुस्त रवैया एक बहुत बड़ा सवाल बन चुका है। क्या यह लापरवाही नहीं बल्कि मूक सहमति है?
चितरंगी की जनता जवाब मांग रही है – और जवाब अब सिर्फ कार्रवाई होनी चाहिए, आश्वासन नहीं