मध्यप्रदेश शासन द्वारा ओबीसी महासभा को भोपाल में आमंत्रित किया गया, जहाँ पिछड़े वर्ग के संवैधानिक अधिकार 27% आरक्षण को पूर्ण रूप से लागू करने एवं वर्तमान में रोके गए 13% होल्ड आरक्षण को तत्काल अनहोल्ड करने के मुद्दे पर उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की गई।
इस बैठक में मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के माननीय महाधिवक्ता श्री प्रशांत सिंह जी एवं उनकी संपूर्ण विधिक टीम उपस्थित रही। बैठक का मुख्य उद्देश्य ओबीसी वर्ग के हितों की रक्षा, लंबित आरक्षण संबंधी कानूनी जटिलताओं का समाधान और आरक्षण व्यवस्था को मजबूती प्रदान करना रहा।
ओबीसी महासभा का सशक्त डेलिगेशन इस अवसर पर मौजूद रहा, जिसमें संगठन की राष्ट्रीय कोर कमेटी, प्रदेश कमेटी सहित विभिन्न पदाधिकारी एवं वरिष्ठ सदस्य शामिल हुए। महासभा ने सरकार और न्यायालय के समक्ष अपने ठोस तर्क रखते हुए स्पष्ट कहा कि ओबीसी वर्ग को उसका संवैधानिक हक़ किसी भी कीमत पर मिलना चाहिए।
बैठक के दौरान महासभा के प्रतिनिधियों ने कहा कि
ओबीसी वर्ग की संख्या राज्य में सबसे अधिक है, इसलिए ‘जिसकी जितनी संख्या भारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी’ का सिद्धांत लागू होना ही चाहिए।
आरक्षण केवल संवैधानिक अधिकार नहीं बल्कि सामाजिक न्याय का आधार है।
13% होल्ड आरक्षण तत्काल प्रभाव से लागू किया जाए ताकि लाखों युवाओं का भविष्य सुरक्षित हो।
इस अवसर पर ओबीसी महासभा ने सरकार को यह भी चेताया कि यदि समय रहते आरक्षण संबंधी मांगों पर सकारात्मक निर्णय नहीं लिया गया तो समाज को आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा।
बैठक का माहौल गंभीर लेकिन सकारात्मक रहा और सभी ने माना कि न्यायपालिका एवं शासन, ओबीसी समाज के वास्तविक हितों को ध्यान में रखते हुए शीघ्र ही उचित कदम उठाएंगे।
