ग्राम गिर में तालाब घोटाला-जनपद से जिला तक चुप्पी की चादर! क्या अफसरों की मिलीभगत से हुई बंदरबांट? यदि जिला सीईओ ने जांच नहीं की, तो इसे अनदेखी माने या हिस्सेदारी?



ग्राम गिर में तालाब निर्माण के नाम पर कथित घोटाले की शिकायत के बाद अब पूरे जिले की निगाहें जिला पंचायत सीईओ पर टिक गई हैं। जनपद स्तर पर हुई इस गड़बड़ी पर जिला स्तर से अब तक कोई ठोस कार्रवाई न होना प्रशासनिक शिथिलता को दर्शाता है 👉 जनता की प्रमुख मांगें: 1 जनपद सीईओ को जारी हो कारण बताओ नोटिस 2 संबंधित उपयंत्री व सचिव को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाए 3 सीईओ स्तर से हुई स्वीकृति और भुगतान प्रक्रिया की निष्पक्ष जांच हो 4 पूरे प्रकरण की जांच जिला सीईओ स्वयं करें और 7 दिन में रिपोर्ट सार्वजनिक करें पहली नज़र में घोटाले के संकेत: ₹2,00,000 तालाब निर्माण मद से निकाले गए, लेकिन ज़मीन पर न ईंट है, न खुदाई! फर्जी मस्टर रोल तैयार कर मजदूरों के नाम पर भुगतान स्वीकृत जनपद सीईओ ने बिना स्थल सत्यापन के फ़ाइल पर हस्ताक्षर कैसे कर दिए? जिला सीईओ की चुप्पी पर बड़ा सवाल – क्या वे अनभिज्ञ हैं या फिर यह मिलीभगत का मामला है? 🗣️ संपादकीय कटाक्ष:
यदि जिला और जनपद स्तर के अधिकारी अपनी आँखों पर भ्रष्टाचार का पर्दा डालकर बैठे रहें,तो योजनाएँ ज़मीन पर नहीं, सिर्फ़ कागज़ों में फलेंगी और जनता की गाढ़ी कमाई चूसता रहेगा ‘फ़ाइल-माफिया’ अब वक्त आ गया है कि सीईओ कार्यालय में जवाबदेही की बाढ़ लाई जाए-नहीं तो घोटालों की दलदल और गहरी होती जाएगी।”

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