शहडोल, 14 मई 2025:
प्रदेश सरकार के गृह विभाग के निर्देशों के अनुपालन में जिले के कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी डॉ. केदार सिंह ने आतंरिक सुरक्षा और औद्योगिक सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए एक महत्वपूर्ण प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया है। यह आदेश ड्रोन अधिनियम 2021 तथा भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 के तहत जिले की प्रमुख औद्योगिक इकाइयों और संवेदनशील स्थलों के चारों ओर ड्रोन उड़ानों पर रोक लगाता है।
संवेदनशील क्षेत्रों में ड्रोन निषेध
डॉ. सिंह ने जानकारी दी कि राज्य शासन द्वारा बाणसागर बांध और ओरिएंट पेपर मिल, अमलाई को विशेष रूप से संवेदनशील क्षेत्र घोषित किया गया है। इन क्षेत्रों की चतुर्दिक सीमाओं में किसी भी प्रकार के ड्रोन या यूएवी (Unmanned Aerial Vehicle) उड़ाने पर सख्त प्रतिबंध लगाया गया है।
प्रतिबंधित क्षेत्र इस प्रकार हैं:
- बाणसागर बांध – ग्राम देवलोंद, तहसील ब्योहारी के सम्पूर्ण बांध क्षेत्र तथा उससे सटे उमरिया और मैहर जिलों की सीमाएं।
- ओरिएंट पेपर मिल, अमलाई – ग्राम बकहो, तहसील बुढ़ार के अंतर्गत सम्पूर्ण नगर पंचायत क्षेत्र।
एसईसीएल और रिलायंस गैस इकाइयाँ भी प्रतिबंध के दायरे में
उक्त आदेश में एसईसीएल (SECL) की भूमिगत कोयला खदानें एवं रिलायंस गैस सीबीएम के गैस कम्प्रेशर स्टेशन भी शामिल हैं, जहां भारी मात्रा में ज्वलनशील गैस संग्रहित की जाती है। इन इकाइयों को भी संभावित सुरक्षा जोखिम मानते हुए इनकी सीमाओं में ड्रोन संचालन पर पूर्ण प्रतिबंध लागू किया गया है।
प्रभावित क्षेत्र:
- एसईसीएल खैरहा यूजी कोल माइंस – ग्राम खैरहा, तहसील बुढ़ार
- एसईसीएल राजेन्द्रा यूजी माइंस – ग्राम छिरहटी, तहसील बुढ़ार
- एसईसीएल दामिनी कोल माइंस – ग्राम कदौंहा व बंगवार, तहसील बुढ़ार
- रिलायंस सीबीएम GGS-11 – ग्राम जल्ली टोला, तहसील बुढ़ार
- रिलायंस सीबीएम GGS-12 – ग्राम देवरी, तहसील गोहपारू
- रिलायंस सीबीएम GGS-13 – ग्राम नवलपुर, तहसील सोहागपुर
प्रभावी अवधि और अनुपालन की चेतावनी
जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि यह आदेश एक पक्षीय रूप से 14 मई 2025 से प्रभावशील है और अगले दो महीनों तक लागू रहेगा। आमजन को इस आदेश की जानकारी सार्वजनिक स्थलों और पुलिस थानों में चस्पा सूचना तथा ध्वनि विस्तारक यंत्रों के माध्यम से दी जाएगी।
आदेश के उल्लंघन की स्थिति में ड्रोन अधिनियम 2021 एवं भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दण्डात्मक कार्रवाई की जाएगी, जो आवश्यकतानुसार अन्य कानूनी धाराओं के तहत भी हो सकती है।
विश्लेषण एवं टिप्पणी:
यह आदेश जिला प्रशासन की सतर्कता और राज्य की औद्योगिक एवं आंतरिक सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। वर्तमान समय में जब ड्रोन तकनीक तेजी से सुलभ हो रही है, ऐसे में संवेदनशील क्षेत्रों में इसका दुरुपयोग राष्ट्रीय सुरक्षा को चुनौती दे सकता है। विशेषकर कोयला खदानें, गैस इकाइयाँ और जल परियोजनाएं देश की ऊर्जा सुरक्षा की रीढ़ हैं। अतः इन स्थानों की निगरानी और सुरक्षा सर्वोपरि है।
यह निर्णय प्रशासनिक सतर्कता का प्रतीक है और यह सुनिश्चित करता है कि तकनीकी नवाचारों का उपयोग नियंत्रित और जिम्मेदारीपूर्वक हो।