अनिल सिंह कुशवाहा मैहर विंध्य सिटी न्यूज
पत्थर घिसने के बाद ही चमकता है,
और इंसान संघर्ष के बाद ही बुलंदियों को छूता है।
इसी सच्चाई का जीता-जागता उदाहरण हैं मध्यप्रदेश पुलिस के डीजीपी, श्री कैलाश मकवाना (IPS) सर।
कभी रस्सी पर मंकी चाल का अभ्यास करने वाले और कमांडर जीप में बैठने वाले युवा आज उसी संघर्ष और लगन की बदौलत प्रदेश की पुलिस व्यवस्था के सर्वोच्च पद पर आसीन हैं।
यह तस्वीरें हमें यही संदेश देती हैं कि –
बड़ा बनने के लिए बड़ा संघर्ष जरूरी है।
ऊँचाइयों तक पहुँचने का रास्ता कभी आसान नहीं होता।
हर कठिनाई हमें और मजबूत बनाती है।
आज समाज और पुलिस विभाग के लिए यह प्रेरणा है कि अनुशासन, निष्ठा और परिश्रम से कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं।जीवन हमें बार-बार चुनौतियाँ देता है, लेकिन इन्हीं चुनौतियों से हमें अपनी असली पहचान मिलती है।संघर्ष ही इंसान को निखारता है और मेहनत ही किस्मत को चमकाती है।
इसलिए…
हार से मत घबराइए,
संघर्ष से मत भागिए,
क्योंकि सफलता उन्हीं के कदम चूमती है
जो हर परिस्थिति का डटकर सामना करते हैं।धन्यवाद कैलाश मकवाना सर,
आप जैसे अधिकारी युवाओं, पुलिसकर्मियों और समाज के लिए प्रेरणा स्रोत हैं।क़िस्मत मेहनत से चमकती है संघर्ष से निखरती है, ज़िंदगी किसी की भी हो धीरे-धीरे सजती सँवरती है