शहडोल
भ्रष्टाचार की कहानियाँ अब किसी फिल्मी किस्से जैसी लगने लगी हैं, लेकिन यह हकीकत है।शहडोल की पंचायत में हाल ही में 2 पन्नों की एक साधारण फोटोकॉपी का बिल 4000 रुपये बनाया गया। लोग हैरान थे कि आखिर 2 पन्नों पर इतना खर्च कैसे हो सकता है?लेकिन भ्रष्टाचार की यह कहानी यहीं खत्म नहीं हुई।
आज एक और बड़ा कारनामा सामने आया 2500 ईंटों का बिल 1 लाख 25 हजार रुपये!यानि एक ईंट की कीमत लगभग 50 रुपये! जबकि बाज़ार में यही ईंट 6–7 रुपये में मिलती है। सवाल उठता है कि आखिर पंचायत स्तर पर होने वाले ये छोटे-छोटे घोटाले किसके संरक्षण में पल रहे हैं? क्या जनता का पैसा इसी तरह लूटा जाएगा? ग्राम पंचायतों से लेकर जिला पंचायत और योजनाओं तक, हर जगह कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार ही असली शासन बन गया है।
जनता के टैक्स का पैसा, जो सड़कों, पानी, शिक्षा और स्वास्थ्य पर लगना चाहिए था, वह नेताओं और अफसरों की जेबें भरने में लग रहा है।प्रदेश की तस्वीर साफ है क्या सरकार का असली नारा अब यही है कमीशन ही मिशन, विकास केवल विज्ञापन!जनता सवाल पूछ रही है क्या यही है “सुशासन” का दावा?क्या यही है “विकास” का चेहरा? आखिर प्रदेश में पंचायतों में भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने सरकार द्वारा पारदर्शिता क्यों नहीं लाई जाती जनता के टैक्स के पैसों को सरकारी पैसों को क्षति पहुंचाने वालों पर आखिर कब लगेगी लगाम यह देखने वाली बात है l
