48 घंटे में सुलझी अंधी हत्या की गुत्थी: महिला की हत्या कर बक्से में छिपाया शव, भांजा निकला कातिल

मैहर (सतना)। शहर में हुई एक सनसनीखेज अंधी हत्या की गुत्थी को पुलिस ने महज 48 घंटे में सुलझा लिया। मृतिका की हत्या करने वाला और कोई नहीं, बल्कि उसका ही भांजा निकला। आरोपी ने पहले महिला को बेहोश कर उसके साथ दुष्कर्म किया, फिर गला दबाकर हत्या कर दी और शव को लोहे के बक्से में बंद कर फरार हो गया।

गुमशुदगी से शुरू हुआ मामला, हत्या में बदला

दिनांक 31 अगस्त 2025 को महराजनगर निवासी सुरेश चौधरी ने देवी जी चौकी में अपनी बहन अनीता चौधरी (45) की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने गुम इंसान क्रमांक 178/25 के तहत जांच शुरू की।

जब पुलिस ने अनीता के घर का ताला तोड़कर जांच की, तो कमरे में लोहे के बक्से के पास खून फैला मिला और बदबू आने पर तत्काल एफएसएल टीम को बुलाया गया। बक्सा खुलवाने पर अंदर महिला का शव मिला, जिसके सिर पर गहरी चोट थी और खून निकला हुआ था।

तकनीकी जांच और पूछताछ से टूटा केस

अज्ञात आरोपी के विरुद्ध थाना कोतवाली में अपराध क्रमांक 777/25 धारा 103(1), 238 बीएनएस के तहत मामला दर्ज किया गया। एसपी मैहर श्री सुधीर अग्रवाल व नगर पुलिस अधीक्षक श्री महेन्द्र सिंह के निर्देशन में कोतवाली थाना प्रभारी निरीक्षक अनिमेष दिवेदी के नेतृत्व में विशेष टीम गठित की गई।

घर के आसपास के लोगों और रिश्तेदारों से पूछताछ में पता चला कि घटना की रात मृतिका का भांजा किशन चौधरी (22 वर्ष) निवासी तिघरा, थाना सभापुर, वहां आया था।

भांजे ने कबूला जघन्य अपराध

किशन को हिरासत में लेकर जब सख्ती से पूछताछ की गई तो उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया। आरोपी ने बताया कि 28 अगस्त की रात वह मौसी के घर गया और उन्हें अकेला पाकर दुष्कर्म की नीयत से सिर पर लोहे की रॉड से हमला कर बेहोश किया। फिर उनके साथ जबरदस्ती करने के बाद कमरे में रखे जेवर और नगदी चुराकर उनकी गला दबाकर हत्या कर दी।

हत्या के बाद शव को बक्से में बंद कर ऊपर कपड़े डाल दिए और घर बाहर से बंद कर तिघरा स्थित अपने घर लौट गया। वहां चोरी के जेवरात छिपा दिए और मोबाइल फोन फॉर्मेट कर सबूत मिटाने की कोशिश की।

55 हजार के जेवरात बरामद, आरोपी गिरफ्तार

आरोपी के मेमोरेंडम पर करीब 55,000 रुपये के सोने-चांदी के जेवरात बरामद किए गए। प्रकरण में धारा 64(1), 332(ए), 309(4), 309(6) बीएनएस बढ़ाई गई और आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।

जांच में इनकी भूमिका रही सराहनीय

इस सनसनीखेज हत्याकांड के खुलासे में थाना प्रभारी निरीक्षक अनिमेष दिवेदी, उपनिरीक्षक अशोक सिंह, सउनि अरविन्द दिवेदी, पुष्पेन्द्र सिंह, कुलदीप पटेल, आरक्षक रविन्द्र दोहरे, आलोक बागरी, विपिन सोंधिया, सोमेश सिंह, दीपक मिश्रा, राजेन्द्र सिंह, आशुतोष यादव, महिला आरक्षक नीतू, सायबर सेल से आरक्षक संदीप सिंह, फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट अजीत सिंह और एफएसएल फोटोग्राफर मुकेश यादव की भूमिका उल्लेखनीय रही।

संपादकीय टिप्पणी: रिश्तों पर कलंक और समाज के लिए चेतावनी

मैहर में घटित यह हत्याकांड न केवल एक जघन्य अपराध है, बल्कि हमारे सामाजिक ताने-बाने पर भी एक गहरी चोट है। एक भांजे द्वारा अपनी ही मौसी के साथ दुष्कर्म कर उसकी हत्या कर देना, रिश्तों की उस विश्वसनीयता को तोड़ता है, जिस पर हमारा पारिवारिक ढांचा टिका हुआ है।

इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अपराध अब केवल बाहरी तत्वों से नहीं, बल्कि परिवार के भीतर से भी जन्म ले सकते हैं। यह सोचने का विषय है कि युवा पीढ़ी में अपराध की मानसिकता इतनी गहराई तक कैसे पैठ गई? यह केवल कानून-व्यवस्था का प्रश्न नहीं, बल्कि नैतिक और मानसिक गिरावट का भी संकेत है।

हालांकि, इस भीषण वारदात के बीच पुलिस की सजगता और कार्यकुशलता ने राहत दी है। 48 घंटे के भीतर आरोपी की पहचान और गिरफ्तारी, पुलिस टीम की सतर्कता, तकनीकी दक्षता और समर्पण का प्रमाण है। इस मामले की गहनता को देखते हुए, पुलिस द्वारा अपनाई गई कार्यप्रणाली अन्य जिलों के लिए एक उदाहरण बन सकती है।

साथ ही, यह घटना समाज को एक बार फिर आत्मचिंतन करने को विवश करती है। ज़रूरत है कि हम अपने परिवार, युवाओं और समाज के भीतर संवाद, नैतिक शिक्षा और जागरूकता को बढ़ावा दें ताकि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।

यह एक समय है जब समाज, परिवार और प्रशासन — तीनों को मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि कोई और अनीता चौधरी, किसी अपने के हाथों यूँ बेरहमी से न मारी जाए।

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