चितरंगी ब्लॉक के खिरवा पंचायत में मनरेगा घोटाला



फर्जी हाजिरी, नाबालिगों की फोटो और फर्जी स्थल से उड़ाए जा रहे लाखों रुपये

सिंगरौली।
जिले के चितरंगी जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायत खिरवा में मनरेगा योजना में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार सामने आया है। स्थानीय ग्रामीणों और सूत्रों के अनुसार, फर्जी हाजिरी, नाबालिगों के फोटो अपलोड और काम की जगह की झूठी तस्वीरें दिखाकर लाखों रुपये का सरकारी धन हड़पा जा रहा है। इस घोटाले में रोजगार सहायक से लेकर सब इंजीनियर और एसडीओ तक की भूमिका संदिग्ध बताई जा रही है।

घोटाले के मुख्य बिंदु

📱 मोबाइल से फर्जी हाजिरी का खेल

श्रमिकों की उपस्थिति एक मोबाइल से दूसरे मोबाइल पर दर्ज की जा रही है, जबकि वास्तविक मजदूर कार्यस्थल पर मौजूद ही नहीं होते। इससे मजदूरी का भुगतान फर्जी नामों पर किया जा रहा है।

🧒 नाबालिगों की फोटो मजदूरों के नाम पर


मजदूरों के नाम पर नाबालिग बच्चों और अन्य लोगों की तस्वीरें अपलोड की जा रही हैं। कई मामलों में एक व्यक्ति का नाम और दूसरे का फोटो डाला गया है, जो मनरेगा नियमों का खुला उल्लंघन है।

📸 फर्जी स्थल की फोटो अपलोड

कई बार कार्यस्थल की बजाय अन्य स्थानों की तस्वीरें अपलोड की जाती हैं, जिससे कार्य की वास्तविकता पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।


📣 ग्रामीणों की मांग: उच्चस्तरीय जांच और कड़ी कार्रवाई

स्थानीय ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से इस पूरे मामले की निष्पक्ष और उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। उनका कहना है कि अगर जांच सही तरीके से की जाए, तो कई बड़े नामों का पर्दाफाश हो सकता है।


🏛️ मनरेगा अधिकारियों पर भी उठे सवाल

ग्रामीणों का आरोप है कि मनरेगा से जुड़े अधिकारियों की कार्यशैली सवालों के घेरे में है। आए दिन बिल भुगतान और फर्जी उपस्थिति जैसे मामले सामने आ रहे हैं, लेकिन जनपद सीईओ और अन्य अधिकारी कार्रवाई से बचते नजर आ रहे हैं।
प्रशासनिक स्तर पर हो रही इस अनदेखी के पीछे आखिर क्या कारण हैं, यह भी जांच का विषय है।

❗ जिम्मेदार कौन?

रोजगार सहायक: हाजिरी भरने और मजदूरों की उपस्थिति दर्ज करने की जिम्मेदारी

तकनीकी सहायक / इंजीनियर: स्थल निरीक्षण और कार्य सत्यापन की जिम्मेदारी

एसडीओ व सीईओ जनपद: पूरे सिस्टम की निगरानी और जवाबदेही


📌 समाप्ति: जवाबदेही तय होनी चाहिए

यह घोटाला सिर्फ सरकारी धन की बर्बादी नहीं, बल्कि उन गरीब श्रमिकों के हक का भी हनन है, जिनके लिए मनरेगा जैसी योजनाएं बनाई गई हैं। जिला प्रशासन से अपेक्षा है कि वह इस मामले की गंभीरता को समझे और दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई सुनिश्चित करे, ताकि आगे ऐसी अनियमितताओं पर लगाम लगाई जा सके।

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