➡ करोड़ों की सामग्री स्कूलों में बेकार पड़ी, जिला शिक्षा अधिकारी के पास सिर्फ एक जवाब – “जांच जारी है”
संवाददाता – अमन सिंह
सिंगरौली।
शिक्षा विभाग में करोड़ों रुपये की स्वच्छता किट खरीदी में घोटाले की बू आने लगी है, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी अब भी चुप्पी साधे बैठे हैं। स्कूलों में महीनों से सील पैक बाल्टियां, झाड़ू, डस्टबिन और अन्य सामग्री धूल फांक रही हैं, जबकि शौचालयों की हालत बद से बदतर बनी हुई है।
ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के अधिकांश स्कूलों में यह सामग्री उपयोग में ही नहीं लाई गई है। पत्रकारों की पड़ताल में खुलासा हुआ है कि न सिर्फ स्वच्छता सामग्री अनुपयोगी पड़ी है, बल्कि कई विद्यालयों के शौचालय गंदगी से पटे हुए हैं और बच्चे मजबूरी में बाहर जाने को विवश हैं।
जांच या लीपापोती?
जब जिला शिक्षा अधिकारी से सवाल किया गया तो जवाब वही पुराना – “जांच चल रही है”।
सूत्रों की मानें तो रिपोर्ट DPI (डायरेक्टर पब्लिक इंस्ट्रक्शन) तक भेजने की प्रक्रिया “कागजों में” जारी है, लेकिन ज़मीनी स्तर पर अब तक एक भी अधिकारी पर कार्रवाई नहीं हुई।
जनता में आक्रोश, उठी CBI जांच की मांग
स्थानीय जनप्रतिनिधियों और समाजसेवियों का कहना है कि “स्वच्छता के नाम पर करोड़ों की बंदरबांट” शिक्षा व्यवस्था को शर्मसार करने वाली घटना है। उन्होंने उच्च स्तरीय जांच (CBI या EOW) की मांग करते हुए दोषियों को कठोर सज़ा देने की मांग की है।