EWS सर्टिफिकेट बनवाकर हथियाई सरकारी नौकरी? मॉडल स्कूल खडौली के प्राचार्य पर लगे फर्जीवाड़े के गंभीर आरोप

शहडोल: EWS सर्टिफिकेट से शिक्षक की नौकरी, अब मॉडल स्कूल का प्राचार्य बना ‘फर्जीवाड़े’ का चेहरा!

शहडोल के मॉडल स्कूल प्राचार्य पर फर्जी दस्तावेज़ से नौकरी हथियाने का आरोप

“गरीब” बनकर बनी सरकारी नौकरी! शहडोल में EWS घोटाले का बड़ा खुलासा

शहडोल, मध्यप्रदेश – शहडोल जिले के खडौली ग्राम स्थित मॉडल स्कूल में तैनात प्राचार्य सत्यप्रकाश द्विवेदी पर गंभीर आरोप लगे हैं। ग्राम पंचायत नौढिया के पूर्व उपसरपंच जे.पी. मिश्रा ने दावा किया है कि सत्यप्रकाश ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) का फर्जी प्रमाणपत्र बनवाकर शिक्षक की नौकरी प्राप्त की और अब प्रमोशन पाकर प्राचार्य बन बैठे हैं।

EWS सर्टिफिकेट के जरिए किया सरकारी व्यवस्था का दुरुपयोग?

शिकायतकर्ता के अनुसार, सत्यप्रकाश द्विवेदी पूर्व में श्यामशाह मेडिकल कॉलेज में लैब टेक्नीशियन के पद पर कार्यरत थे। इसके बावजूद उन्होंने EWS प्रमाणपत्र हासिल किया, जो केवल आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए आरक्षित होता है। इतना ही नहीं, उनके पिता रामकुमार द्विवेदी भी एक समय शासकीय शिक्षक रह चुके हैं, जो निलंबन के बाद सेवानिवृत्त हुए।

फिर भी, सत्यप्रकाश का परिवार 2016 से 2024 तक सरकारी रिकॉर्ड में गरीबी रेखा के नीचे (BPL) दर्ज रहा — जिसकी जांच की मांग की जा रही है। आरोप है कि ग्राम बुडवा में सरल क्रमांक 69 के अंतर्गत उनका नाम BPL सूची में दर्ज है, जबकि उनके पास 20 एकड़ से अधिक कृषि भूमि होने की जानकारी सामने आई है।

शिकायतें हुईं, कार्रवाई नहीं — क्या सिस्टम भी मिला हुआ है?

पूर्व उपसरपंच का आरोप है कि इस पूरे मामले की शिकायत पहले भी की गई थी, लेकिन सत्यप्रकाश की “ऊँची पहुँच” और प्रभावशाली संबंधों के चलते अधिकारियों ने कार्रवाई से परहेज किया। नतीजतन, यह मामला दबा दिया गया और अब वही व्यक्ति मॉडल स्कूल खडौली का प्राचार्य बना बैठा है।

मीडिया में गूंजा मामला, विभाग में हड़कंप

जब यह मामला मीडिया की सुर्खियों में आया, तो शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया। शिकायतकर्ता का कहना है कि जिन अधिकारियों ने इस मामले को दबाया, उनकी भी जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए।

क्या चाहते हैं शिकायतकर्ता?

  • सत्यप्रकाश द्विवेदी को तत्काल निलंबित किया जाए
  • शैक्षणिक और व्यक्तिगत दस्तावेजों की उच्च स्तरीय जांच करवाई जाए
  • फर्जी प्रमाणपत्र के आधार पर ली गई नौकरी को रद्द किया जाए
  • अब तक प्राप्त वेतन व अन्य लाभों की वसूली की जाए
  • दोषी अधिकारियों पर भी कार्रवाई हो

सत्‍यप्रकाश द्विवेदी

✒️ संपादकीय टिप्पणी:

मॉडल स्कूल खडौली के प्राचार्य सत्यप्रकाश द्विवेदी पर फर्जी दस्तावेज़ों के आधार पर नौकरी हासिल करने और पदोन्नति पाने के गंभीर आरोप बेहद चिंताजनक हैं। यह मामला केवल एक व्यक्ति की नैतिक गिरावट का नहीं, बल्कि सरकारी तंत्र की लापरवाही और भ्रष्ट तंत्र की परछाई भी है।

जब आर्थिक रूप से संपन्न व्यक्ति गरीबी का झूठा मुखौटा पहनकर योग्य और ज़रूरतमंद अभ्यर्थियों का हक छीन लेता है, तब यह सिर्फ नियमों का उल्लंघन नहीं बल्कि सामाजिक विश्वास का भी हनन है। यह स्थिति दर्शाती है कि व्यवस्था के भीतर बैठे कुछ लोग, प्रभाव और पहुँच के सहारे, कानून को धता बताकर निजी लाभ उठा रहे हैं।

अधिक चिंताजनक यह है कि शिकायतें होने के बावजूद कार्रवाई नहीं हुई — यह प्रशासन की निष्क्रियता और पक्षपात को दर्शाता है। यदि ऐसे मामलों में त्वरित और सख्त कार्रवाई नहीं होती, तो न केवल योग्य प्रतिभाएं हतोत्साहित होंगी, बल्कि भ्रष्टाचार को खुला समर्थन मिलेगा।

यह समय है जब शासन–प्रशासन को ऐसे मामलों में पारदर्शिता, जवाबदेही और कठोरता दिखानी चाहिए, ताकि “योग्यता” और “ईमानदारी” को फिर से सम्मान मिल सके। दोषियों को बचाने की बजाय, उन्हें कानून के दायरे में लाना ही लोकतंत्र और न्याय की सच्ची सेवा होगी।

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