जननायक सुखलाल कुशवाहा की पुण्यतिथि पर सेवा कार्यों से दी गई श्रद्धांजलि
मैहर जिला अस्पताल में पुष्पांजलि व फल वितरण के साथ मनाई गई सुखलाल कुशवाहा जी की पुण्यतिथि
सादगी, सेवा और प्रेरणा: स्व. सुखलाल कुशवाहा की पुण्यतिथि पर भावभीना आयोजन
समाजसेवा के प्रतीक सुखलाल कुशवाहा को पुण्यतिथि पर दी गई श्रद्धांजलि
पुण्यतिथि पर मरीजों को फल वितरण, जनसेवा के मूल्यों को किया गया याद
मैहर में भावपूर्ण आयोजन, स्व. सुखलाल कुशवाहा की पुण्यतिथि पर दी गई पुष्पांजलि
मैहर, 16 अगस्त (प्रतिनिधि – अनिल कुशवाहा):
देश और समाज के लिए जीवनपर्यंत समर्पित रहने वाले जननायक स्वर्गीय सुखलाल कुशवाहा जी की पुण्यतिथि के अवसर पर आज मैहर जिला अस्पताल परिसर में एक सादगीपूर्ण, भावनात्मक व प्रेरणास्पद कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का उद्देश्य न केवल उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करना था, बल्कि उनके सेवा-पथ को अपनाने का संकल्प भी था, जिसे सभी उपस्थितजनों ने दिल से स्वीकार किया।
श्रद्धांजलि अर्पण: विचारों और मूल्यों की पुनर्स्थापना
कार्यक्रम की शुरुआत स्व. कुशवाहा जी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर की गई। इस दौरान अस्पताल परिसर में उपस्थित जनप्रतिनिधियों, समाजसेवियों, स्थानीय गणमान्य नागरिकों और अस्पताल प्रबंधन ने श्रद्धा व कृतज्ञता के साथ उन्हें स्मरण किया।
वक्ताओं ने कहा कि स्व. कुशवाहा जी केवल एक राजनेता नहीं थे, वे जनता की आत्मा की आवाज़ थे — एक ऐसे जननायक, जिन्होंने राजनीति को सेवा का माध्यम बनाया।
सेवा के संकल्प के साथ फल वितरण
श्रद्धांजलि के उपरांत कार्यक्रम का सबसे भावुक क्षण वह था जब अस्पताल में भर्ती मरीजों को फल वितरित किए गए।
यह आयोजन उनकी विचारधारा — “जनता की सेवा ही सच्चा धर्म है” — का जीवंत उदाहरण बन गया। मरीजों और उनके परिजनों ने इस पहल की सराहना की और आयोजकों को धन्यवाद दिया।
वक्ताओं ने व्यक्त किए उद्गार
कार्यक्रम के प्रमुख आयोजक पंकज कुशवाहा ने कहा:
> “स्व. सुखलाल कुशवाहा जी का जीवन हम सभी के लिए प्रेरणा है। उनकी ईमानदारी, सरलता और संघर्षशीलता आज भी हमारे लिए एक आदर्श है। वे न केवल जनप्रतिनिधि थे, बल्कि जनसरोकारों के प्रतीक थे।”
अन्य वक्ताओं ने भी स्व. कुशवाहा जी को याद करते हुए कहा कि उन्होंने जीवन भर बिना किसी दिखावे के, निःस्वार्थ भाव से आम जन की सेवा की और उनकी यही सादगी उन्हें एक सच्चा जननायक बनाती है।
गणमान्य उपस्थिति ने बढ़ाया कार्यक्रम का गरिमा
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से धर्मेश घई, मनीष पटेल, देवदत्त सोनी, प्रभात द्विवेदी, रजनीश शर्मा, कुष्पेंद्र कुशवाहा, बद्री कुशवाहा, जितेंद्र कुशवाहा, दिनेश मौर्य और महेंद्र त्रिपाठी सहित बड़ी संख्या में समाजसेवी, स्थानीय नागरिक एवं युवा उपस्थित रहे।
संदेश साफ है: विचार जिंदा रहते हैं
यह आयोजन न केवल एक श्रद्धांजलि था, बल्कि यह भी संदेश देता है कि महान व्यक्तित्व भले ही शारीरिक रूप से हमारे बीच न रहें, लेकिन उनके विचार और संस्कार समाज में जीवित रहते हैं।
स्व. सुखलाल कुशवाहा जी की पुण्यतिथि के अवसर पर किया गया यह आयोजन एक सामाजिक प्रेरणा बनकर उभरा है।

