सिंगरौली/चितरंगी (16 सितम्बर) – चितरंगी क्षेत्र में स्थित अनुसूचित जाति और जनजाति के कन्या छात्रावासों की खराब स्थिति को लेकर 16 सितम्बर को तहसीलदार सारिका परस्ते ने निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान छात्रावासों की स्थिति चिंता का विषय बन गई, जिसमें बुनियादी सुविधाओं का गंभीर अभाव देखने को मिला।
कन्या छात्रावासों में कुल 29 छात्राओं में से 26 छात्राएं मौजूद थीं, और यहां की भवन की स्थिति जर्जर, साफ-सफाई का अभाव, और विद्युत आपूर्ति की समस्या प्रमुख समस्याओं के रूप में सामने आई। वहीं, पीने के पानी की समुचित व्यवस्था नहीं और शौचालय की स्थिति अत्यंत खराब पाई गई।
उत्कृष्ट जनजाति सीनियर कन्या छात्रावास में स्थिति थोड़ी बेहतर थी, जहां 49 में से 48 छात्राएं मौजूद थीं, लेकिन यहां भी बात्रूम और शौचालय की हालत सुधार योग्य पाई गई। सबसे राहत की बात यह रही कि भोजन की गुणवत्ता अच्छी थी।
वहीं, अनुसूचित जाति सीनियर कन्या छात्रावास में स्थिति अधिक गंभीर थी। यहां की छात्राओं के लिए न तो कंप्यूटर की सुविधा, न आपातकालीन संपर्क नंबर उपलब्ध थे, और साफ-सफाई की स्थिति भी बेहद खराब थी।
तहसीलदार सारिका परस्ते ने इस निरीक्षण के बाद संबंधित विभागों को सुधार के निर्देश दिए हैं। हालांकि, प्रशासन की जिम्मेदारी और इन कमियों के सुधार में हो रही देरी पर सवाल खड़ा हो रहा है। छात्राओं की सुरक्षा, स्वास्थ्य और पढ़ाई में आने वाली बाधाएं प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बन गई हैं।
समाज में गंभीर चर्चा का विषय बनी यह स्थिति, छात्राओं के जीवन को और उनकी शिक्षा को खतरे में डाल सकती है। प्रशासन को तुरंत और प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि छात्राओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ-साथ एक सुरक्षित और स्वस्थ माहौल मिल सके।
