चितरंगी में राजस्व सीमांकन कार्य संपन्न-प्रशासन की सक्रियता से विवादों का शांतिपूर्ण निराकरण

चितरंगी, जिला सिंगरौली | दिनांक – 15 जून 2025

तहसील चितरंगी अंतर्गत राजस्व निरीक्षक मंडल चितरंगी, मौहरिया एवं कोरावल में दिनांक 13 जून से 15 जून 2025 तक तीन दिवसीय सीमांकन अभियान सफलता पूर्वक संपन्न हुआ। इस दौरान प्राप्त कुल 8 सीमांकन आवेदन पत्रों पर राजस्व एवं पुलिस प्रशासन की संयुक्त उपस्थिति में कार्यवाही करते हुए भू-सीमा से संबंधित विवादों का शांतिपूर्ण एवं पारदर्शी समाधान किया गया इस अभियान के अंतर्गत ग्राम घोघरा, कैथानी, रमडिहा, कुशाही, बड़गड़ी, रतनपुरवा, केकराई एवं शिवपुरवा में सीमांकन की कार्यवाही संपन्न की गई। विभिन्न आराजी नंबरों पर सीमांकन हेतु नागरिकों द्वारा प्रस्तुत किए गए आवेदन पत्रों के आधार पर निर्धारित तिथियों को मौके पर सीमांकन कार्य किया गया विवादित स्टेडियम स्थल का सीमांकन भी हुआ शांतिपूर्वक विशेष उल्लेखनीय है कि डेयम देवरा में प्रस्तावित नवीन स्टेडियम स्थल का सीमांकन अत्यधिक विवादास्पद था। किन्तु प्रशासनिक सतर्कता, सूझबूझ एवं सशक्त समन्वय के चलते यह कार्य भी पूरी तरह शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न किया गया। यह संपूर्ण अभियान उपखंड अधिकारी चितरंगी  सुरेश जादव एवं अनुविभागीय अधिकारी पुलिस  अरुण कुमार सोनी के नेतृत्व एवं सतत निगरानी में संपन्न हुआ प्रशासनिक समन्वय एवं टीम वर्क का उत्कृष्ट उदाहरण सीमांकन कार्य को सफल बनाने में तहसीलदार चितरंगी  ऋषिनारायण सिंह, थाना प्रभारी गढ़वा  विद्यावारिध तिवारी, टी.आई.  राजेन्द्र पाठक, एस.आई.  सुरेश वर्मा,  वंशपति कोल,  मनोज सिंह चौहान समेत पुलिस बल की सक्रिय भूमिका रही वहीं राजस्व विभाग की ओर से राजस्व निरीक्षक  रमेश चंद्र तिवारी (मौहरिया),  हरि प्रसाद बैस (कोरावल),  वृजेश कुमार पांडे एवं पटवारी  रमाशंकर बैस,  रामलाल सिंह, सुश्री रानू मंडलोई,  राहुल मालवीय,  अखिलेश कुमार पटेल सहित अन्य अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने पूर्ण निष्ठा एवं समर्पण भाव से अपने दायित्वों का निर्वहन किया सार्वजनिक संतोष और प्रशासनिक सराहना भूमि सीमांकन से जुड़े विवाद प्रायः जटिल एवं संवेदनशील होते हैं, लेकिन प्रशासन द्वारा अपनाई गई सजगता, संवेदनशीलता और निष्पक्षता के चलते सभी सीमांकन कार्य सौहार्दपूर्ण वातावरण में सम्पन्न हुए। सीमांकन से लाभान्वित हुए आवेदकों ने प्रशासन के इस प्रयास की सराहना करते हुए संतोष व्यक्त किया।

यह अभियान न केवल कानून व्यवस्था की दृष्टि से अनुकरणीय रहा, बल्कि प्रशासन और आम जनता के बीच आपसी विश्वास एवं सहयोग का एक सशक्त उदाहरण भी प्रस्तुत करता है

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