सिंगरौली।
जिले में आयोजित होने जा रहे सशक्त नारी आदिवासी गौरव सम्मेलन को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। सिंगरौली जिला पंचायत अध्यक्ष ने आमंत्रण पत्र में अपना नाम नहीं होने को लेकर गहरी नाराजगी जताई है। उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से सार्वजनिक पोस्ट करते हुए इसे एक जानबूझकर की गई उपेक्षा बताया है।
जिला पंचायत अध्यक्ष ने कहा कि “मैं एक आदिवासी महिला हूं और सिंगरौली जिले की निर्वाचित जिला पंचायत अध्यक्ष होने के नाते मुझे जिले की प्रथम महिला का स्थान प्राप्त है। यह पद मुझे जिले की जनता जनार्दन ने अपने विश्वास से दिया है। लेकिन इस गौरवपूर्ण सम्मेलन के आमंत्रण पत्र में मेरा नाम न जोड़कर न केवल मेरी, बल्कि जिले की जनता और आदिवासी समाज की अनदेखी की गई है।”
उन्होंने अपने बयान में सरकार और प्रशासन पर सवाल उठाते हुए कहा – “क्या इसी तरह अधिकारीगण महिलाओं और आदिवासियों का गौरव बढ़ा रहे हैं? यह तो महिला सशक्तिकरण और जनप्रतिनिधियों की गरिमा को ठेस पहुंचाने जैसा है।”
उनके इस बयान के बाद जिले के राजनीतिक और सामाजिक हलकों में हलचल मच गई है। कई जनप्रतिनिधियों और संगठनों ने भी इस उपेक्षा को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है और जिला पंचायत अध्यक्ष के प्रति एकजुटता प्रकट की है।
सिंगरौली जिला पंचायत अध्यक्ष को आमंत्रण पत्र से किया गया दूर, सोशल मीडिया पर जताई नाराजगी
