सिंगरौली। जिले की चितरंगी तहसील इन दिनों पटवारियों की गंभीर कमी से जूझ रही है, जिससे आम जनता को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है हाल ही में स्थानांतरण नीति के तहत चितरंगी से 20 से अधिक पटवारियों का तबादला बैढ़न, देवसर और सरई तहसीलों में कर दिया गया, लेकिन बदले में यहां मात्र 3-5 पटवारियों की ही पदस्थापना की गई।
इस असंतुलन का सीधा असर राजस्व संबंधी कार्यों पर पड़ा है कई पटवारी हल्के पूरी तरह से खाली पड़े हैं, जिससे नामांतरण, बँटवारा, नक्शा, खसरा, बी-1 जैसे जरूरी दस्तावेजों के लिए ग्रामीणों को बार-बार तहसील कार्यालय के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं ग्रामीणों में गुस्सा, सवालों के घेरे में प्रशासन स्थानीय लोगों का कहना है कि पहले से ही चितरंगी क्षेत्र में पटवारियों की संख्या कम थी, लेकिन अब एकमुश्त इतने तबादलों से हालात और भी बिगड़ गए हैं। ग्रामीणों का सवाल है कि जब तबादले किए गए, तो बदले में पर्याप्त संख्या में नई नियुक्ति क्यों नहीं की गई? प्रशासन की चुप्पी बनी चिंता का कारण प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार जल्द ही चितरंगी में नए पटवारियों की नियुक्ति की योजना है, लेकिन अभी तक इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि या ठोस कार्रवाई सामने नहीं आई है। ऐसे में लोगों की समस्याएं लगातार बढ़ती जा रही हैं ज़रूरत है तत्काल समाधान की चितरंगी तहसील की स्थिति को देखते हुए ज़रूरी है कि जिला प्रशासन तुरंत संज्ञान लेकर खाली पदों पर पटवारियों की तैनाती सुनिश्चित करे, ताकि आम जनता को राहत मिल सके और राजस्व से जुड़े कामकाज सुचारु रूप से चल सकें विशेष टिप्पणी (संक्षिप्त) चितरंगी में पटवारियों की भारी कमी प्रशासनिक लापरवाही का साफ संकेत है। 20 से अधिक तबादले के बाद मात्र 3-5 नई पोस्टिंग से राजस्व कार्य ठप हो गए हैं। जनता परेशान है और प्रशासन चुप्पी साधे हुए है। ज़रूरी है कि खाली पदों पर तुरंत नियुक्ति हो, ताकि जनता को राहत मिल सके और कामकाज फिर से पटरी पर लौटे।