मानपुर (उमरिया)। संवाददाता।
मध्यप्रदेश की लाड़ली लक्ष्मी और लाड़ली बहना योजनाएं नारी सशक्तिकरण की दिशा में मील का पत्थर साबित हो रही हैं। इन योजनाओं ने न सिर्फ महिलाओं को आर्थिक मजबूती दी है, बल्कि समाज में उनका आत्मसम्मान भी बढ़ाया है। मानपुर जनपद के अंतर्गत ग्राम दमोय की सरपंच सरिता मिश्रा ने इन योजनाओं की सराहना करते हुए कहा कि “पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने परिवार के मुखिया की तरह प्रदेश को संभाला और हर महिला को बहन-बेटी मानकर योजनाएं बनाई।”
सरपंच मिश्रा ने कहा कि लाड़ली लक्ष्मी योजना ने जहां बालिकाओं को शिक्षा और सुरक्षित भविष्य की दिशा में प्रोत्साहित किया, वहीं लाड़ली बहना योजना ने महिलाओं को आर्थिक आत्मनिर्भरता दी। उन्होंने कहा कि “अब नारी को अबला कहना उचित नहीं, जब महिला सशक्त होगी, तभी समाज और प्रदेश प्रगति करेगा।”
नए मुख्यमंत्री ने दी योजनाओं को निरंतरता
प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी स्पष्ट किया है कि पूर्ववर्ती सरकार द्वारा शुरू की गई जनकल्याणकारी योजनाएं यथावत जारी रहेंगी। उन्होंने कहा कि “शिवराज जी की योजनाएं केवल राजनीतिक नहीं, बल्कि सामाजिक क्रांति का माध्यम हैं। इन योजनाओं को बंद करना समाज के साथ अन्याय होगा।”
मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि प्रदेश के समग्र विकास के लिए धन की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी।
रोजगार सृजन की दिशा में ठोस कदम
प्रदेश सरकार ने इन्वेस्टर समिट के जरिए निवेशकों को आकर्षित करने का अभियान शुरू कर दिया है। जिलों में उपलब्ध संसाधनों की मैपिंग की जा रही है, जिससे स्थानीय स्तर पर उद्योग लगाए जा सकें। मुख्यमंत्री ने कहा है कि निवेशकों को कम दर पर ज़मीन, सुरक्षा, और सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी ताकि वे मध्यप्रदेश में उद्योग स्थापित करने के लिए प्रेरित हों।
यह प्रक्रिया न केवल प्रदेश में औद्योगिक विकास को गति देगी, बल्कि स्थानीय युवाओं को रोजगार देने में भी सहायक होगी।
हर जिले में होगा विकास, हर हाथ को मिलेगा काम
सरकार की योजना है कि आने वाले समय में हर जिले में औद्योगिक अधोसंरचना विकसित की जाए। इससे न केवल शहरी, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी रोजगार के अवसर सृजित होंगे। सरकार का उद्देश्य है कि हर खाली हाथ को काम मिले, जिससे युवा प्रदेश के विकास में सक्रिय भागीदार बनें।
निष्कर्ष:
लाड़ली योजनाएं प्रदेश में सामाजिक बदलाव का कारण बनी हैं। वहीं, उद्योग एवं निवेश के माध्यम से रोजगार सृजन की दिशा में राज्य सरकार के प्रयास उल्लेखनीय हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश एक बार फिर समग्र विकास की दिशा में अग्रसर होता दिख रहा है।