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19 Apr 2025, Sat

28 फरवरी को ही लिख दी गई थी पुलिस पर हमला करने की स्क्रिप्ट: मऊगंज





गडरा के दोहरे हत्याकांड का मास्टर माइंड है रफ़ीज मोहम्मद, अंततः पुलिस ने लिया हिरासत में ।
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28 फरवरी को ही लिख दी गई थी पुलिस पर हमला करने की स्क्रिप्ट। गडरा के दोहरे हत्याकांड का मास्टर माइंड है रफ़ीज मोहम्मद, अंततः पुलिस ने लिया हिरासत में ।



भोपाल। मध्यप्रदेश ही नहीं समूचे देश में पिछले तीन दिन से एमपी का मऊगंज जिला सुर्खियां बटोर रहा है। वैसे तो यहां के कलेक्टर और एसपी के घटिया कारनामों से यह जिला नवंबर माह से सरगर्म है लेकिन 15 मार्च को जिले के शाहपुर थाना इलाके के गड़रा गांव में जो कुछ हुआ उसने जिला और पुलिस प्रशासन की चूलें हिला दी। इस खबर में हम आपको घटना की जड़ तक ले जाने की कोशिश करेंगे पूरी खबर पढ़कर आपको समझ में आ जायेगा कि वारदात की वजह क्या थी ? और इसका मास्टर माइंड कौन था ? उसने पुलिस पर हमला क्यों कराया? क्या वह अपने नापाक इरादों में कामयाब हो गया ? क्या उसकी गिफ्तारी हुई? इसके अलावा क्या 28 फरवरी को पुलिस पर हमला करने की स्क्रिप्ट लिखी जा चुकी थी ? क्या इसकी जानकारी शाहपुर पुलिस को थी? ये तमाम सवाल गड़रा गांव में हुए दोहरे हत्याकांड से जुड़े हुए हैं जिनकी तह तक अब पुलिस जाकर तहकीकात कर रही है। इस साजिश में कौन -कौन शामिल थे अब सबके नाम जल्दी ही सामने आएंगे। अब हम आपको समूचे घटनाक्रम से जोड़ते हुए ले चलते हैं 28 फरवरी के घटनाक्रम पर जिसे आपको जानना जरुरी है।

रेप के मामले में गिरफ्तार हुआ था ठुर्रीहा का जीआरएस

आपको बता दें कि शाहपुर थाना इलाके में ठुर्रीहा ग्राम पंचायत है जो हनुमना जनपद पंचायत के अंतर्गत आती है इस पंचायत में मोहम्मद रहीस सहायक सचिव के पद पर तैनात था उसने 27 फरवरी को अपने भाई की पत्नी के साथ मुंह काला किया जिसकी रिपोर्ट पीड़िता ने थाने में दर्ज कराई और शाहपुर थाना इंचार्ज संदीप भारती ने एएसआई अजय पांडेय समेत अन्य मातहतों की मदद से महज 24 घंटे के अंदर आरोपी को बंदी बना लिया। यहाँ यह बताना भी लाजिमी है कि #कांग्रेस_के_एक_कद्दावर_नेता_और_मुस्लिमों_के_मसीहा पुलिस पर यह दबाव बना रहे थे कि आरोपी के ऊपर दुष्कर्म का मुकदमा कायम न कर सिर्फ छेड़खानी की धारा लगाई जाए लेकिन महिला के मजिस्ट्रेट के सामने दिए गए बयान के बाद वो अपने मकसद में नाकाम हो गए। इसके अलावा आरोपी का भाई जो पत्रकार का तमगा लिए घूमता है उसका नाम है रफ़ीज मोहम्मद तनय मुराद बक्श यह शख्स अपने समर्थकों के साथ थाने गया और थाना प्रभारी और अजय पांडेय के सामने पत्रकारिता की धौंस दिखाया इतना ही नहीं एएसआई अजय पांडेय के खिलाफ महिला से रिपोर्ट कराने की धमकी भी दी। अब आप सहज ही अंदाजा लगा सकते हैं कि रफ़ीज पुलिस को फंसाने के लिए किस हद तक बेताब था।

रफ़ीज बना चुका था हमला करने की योजना

शाहपुर थाना प्रभारी संदीप भारती ने बताया कि भाई के रेप मामले में फंसने के बाद रफ़ीज पुलिस पर हमला करने की योजना बना चुका था लेकिन इसकी भनक थाना इंचार्ज भारती को लग गई और उन्होंने स्टॉफ को सख्त हिदायत दे रखी थी कि बाइक से एक या दो लोग पहाड़ी नहीं जायेंगे अगर जाने की जरुरत होगी तो थाने की गाड़ी लेकर पुलिस बल लेकर जाएं। पुलिस को रफ़ीज की नीयत पता चल चुकी थी लिहाजा वह अपने इरादे को अंजाम तक नहीं पंहुचा सका लेकिन उसे यह मौका होली के समय आखिर मिल ही गया और जो कुछ हुआ वह दिल दहला देने वाला खौफनाक मंजर था जिसे लोग लम्बे अर्से तक नहीं भूल पाएंगे।

15 मार्च को गड़रा में रफ़ीज का क्या काम

थाना प्रभारी संदीप भारती ने बताया कि 15 मार्च को सुबह से ही रफ़ीज गड़रा गाँव आरोपियों के यहाँ अपनी बुलट से पहुंच गया था शनी को जब बंधक बनाया गया तब भी यह वहीं मौजूद था इसने वीडियो बनाया जिसमे आरोपियों से सनी छोड़ने की बात कह रहा था लेकिन आरोपी बोल रहे थे जब यहां से जाओगे तब न बताओगे सनी की घर के अंदर लाठियों से पीटकर निर्मम हत्या की गई तब भी ये वहीं था। जब पुलिस मौके पर पहुंची तब भी रफ़ीज काबिज था। मतलब साफ है इसने पूरी साजिश रची और दोहरे हत्याकांड को अंजाम तक पहुंचाया।

थाना प्रभारी ने पूछा यहां क्या काम?

जब पुलिस गड़रा पहुंची तब रफ़ीज वहीँ था थाना प्रभारी के साथ एएसआई अजय पांडेय भी थे उन्होंने संदीप भारती को बताया कि रफ़ीज मोहम्मद वही है जिसका भाई रेप के मामले में जेल में है तब संदीप ने उसे बुलाकर पुछा तुम क्या कर रहे? जवाब में रफ़ीज ने कहा अपने काम से आया था इसके बाद वह अपनी बुलट स्टार्ट किया और मौके से रफ़ूचक्कर हो गया। बताया गया है कि जिस एएसआई अजय पांडेय ने जीआरएस को गिरफ्तार करने में अहम भूमिका निभाई थी उसे नाम लेकर आदिवासी महिलाएं गाली दे रही थीं। अजय पांडेय को भी महिलाओं ने रफ़ीज के इशारे पर ही गाली दिया। कुल मिलाकर इस समूचे घटनाक्रम में रफ़ीज कआ नाम सामने आया है उसके खिलाफ हत्या का प्रकरण कायम है।

थाना प्रभारी को लगे 18 टांके

सनी उर्फ़ रज्जन की रिहाई के लिए गड़रा गई पुलिस पर सुनियोजित साजिश के तहत पथराव शुरु हुआ जिसमे थाना प्रभारी संदीप भारती के सर पर 18 टांके लगे जबकि प्रधान आरक्षक अंकित शुक्ल के सिर में 8 टांके आए। हनुमना तहसीलदार कुमारेलाल पनिका के तो पूरे शरीर पर घातक चोट है इसके अलावा हेड कांस्टेबल जवाहरलाल यादव के भी सिर कंधे पर चोट है ये चारों अभी भी रीवा में इलाज करा रहे जबकि मऊगंज में एसएएफ के जवान रामनारायण तिवारी ,रामललन यादव ,रामलखन मिश्रा ,प्रेम सिंह चौहान और कृष्णकेशव द्विवेदी सभी प्रधान आरक्षक के अलावा एएसआई बृहस्पति पटेल, अनंत मिश्रा, आरक्षक प्रीति यादव और दीप्ति सिंह को दाखिल कराया गया था।

विनोद कोल ने किया था थाना प्रभारी को फोन

अशोक कोल के पुत्र विनोद कोल ने दोपहर साढ़े 12 बजे थाना प्रभारी संदीप भारती को फोन किया और बोला कि उसने सनी को बंधक बना लिया है सनी ने उसकी माँ के साथ छेड़खानी की है। संदीप भारती ने उसे समझाते हुए कहा था सनी के साथ मारपीट नहीं करना हम उसके खिलाफ कार्यवाई करेंगे पुलिस जल्दी आ रही लेकिन कुछ ही देर बाद फिर विनोद ने संदीप को फोन कर बताया सनी मेरे पिता अशोक का कातिल है यह सुनते ही संदीप भारती का सिर चकरा गया उनकी समझ में आ गया कि छेड़खानी की कहानी मनगढ़ंत है उन्होंने फिर विनोद को समझाने की कोशिश की सनी के साथ कुछ नहीं करना पुलिस कानून के
हिसाब से काम करेगी लेकिन विनोद तो सनी का काम तमाम कर चुका था उस वक्त रफ़ीज भी मौजूद था।

ये हैं पुलिस के कब्जे में

जानकारी के मुताबिक पुलिस ने मास्टरमाइंड रफ़ीज के अलावा अशोक कोल के दोनों बेटे विनोद कोल और रजनीश कोल ,महेश कोल ,प्रयाग कोल, सरपंच कैलाश तिवारी, पूर्व सरपंच रामकरण साकेत को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। पुलिस इनके मोबाइल के काल डिटेल भी निकलवा रही है। अभी और लोगों के इस घटना में शामिल  होने की आशंका है।

सरपंच बनाने में अशोक कोल की अहम् भूमिका

जानकारों की मानें तो मृतक अशोक कोल भले ही कभी सरपंच नहीं बना लेकिन वह अपने बूते सरपंच बनाने का दम रखता था मौजूदा सरपंच कैलाश तिवारी का समर्थन कर अशोक कोल ने ही सरपंच बनाया था इससे पहले रामकरण साकेत को भी उसी ने सरपंच बनाया था। कोल समाज में उसकी खासी पैठ थी और वह गांव का स्वयंभू नेता था। उसकी मौत कैसे हुई और कौन जिम्मेदार था यह तो बाद की बात है लेकिन पुलिस ने यह कहकर फाइल बंद कर दी थी कि भैस की टक्कर लगने से वह बाइक से गिरा और हादसे में मौत हो गई लेकिन उसके बेटे विनोद के दिमाग में यह भर दिया गया कि सनी ने उसके पिता की हत्या की है और बदला लेने की नियत से जघन् अपराध को अंजाम दिया जिसे रफ़ीज जैसे लोगों ने हवा दी। बहरहाल गांव पुलिस छावनी में तब्दील हो चुका है। लोग दहशत के साये में हैं।- सूत्र

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