सिंगरौली। मध्य प्रदेश के ऊर्जाधानी क्षेत्र सिंगरौली में खनिज माफिया के खिलाफ जिला प्रशासन ने अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाइयों में से एक को अंजाम दिया है। कलेक्टर गौरव बेनल एवं अनुविभागीय अधिकारी (एसडीएम) सिंगरौली सुरेश जादव के सख्त निर्देश और सतत निगरानी के परिणामस्वरूप, मंगलवार 16 दिसंबर 2025 को खनिज विभाग ने कोयले के अवैध परिवहन में संलिप्त आठ बड़े डम्परों को ज़ब्त किया।
यह कार्रवाई बरहवा टोला, झिंगुरदा गाँव के समीप की गई, जहाँ स्थानीय ग्रामीणों से मिली गोपनीय शिकायतों के आधार पर लंबे समय से चल रहे अवैध कोयला परिवहन का खुलासा हुआ। शिकायतों में बताया गया था कि बिना अनुमति और नियमों की अनदेखी कर बड़े पैमाने पर कोयले का परिवहन किया जा रहा है।
खनिज अधिकारी आकांक्षा पटेल के नेतृत्व में और खनिज निरीक्षक अशोक मिश्रा की सक्रिय भूमिका से गठित विशेष टीम ने सुबह तड़के क्षेत्र में घेराबंदी कर कार्रवाई को अंजाम दिया। जांच के दौरान यह स्पष्ट हुआ कि सभी आठ वाहन बिना किसी वैधानिक ट्रांजिट परमिट के उच्च गुणवत्ता वाले कोयले का परिवहन कर रहे थे, जो कि मध्य प्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 एवं खान एवं खनिज (विकास तथा विनियमन) अधिनियम, 1957 का सीधा उल्लंघन है।
जब्ती के तुरंत बाद सभी वाहनों को पुलिस सुरक्षा में मोरवा थाना परिसर में खड़ा कराया गया। इस गंभीर मामले में केवल खनिज नियमों के तहत ही नहीं, बल्कि अन्य प्रशासनिक और कानूनी प्रावधानों के अंतर्गत भी कठोर कार्रवाई की जा रही है।
जिला प्रशासन के निर्देश पर परिवहन विभाग को भी इस कार्रवाई में शामिल किया गया है। परिवहन विभाग अब जब्त वाहनों के परमिट की वैधता, फिटनेस, ओवरलोडिंग और अन्य तकनीकी पहलुओं की गहन जांच करेगा। खनिज और परिवहन विभाग की संयुक्त कार्रवाई से अवैध खनन और परिवहन करने वालों पर दोहरी मार पड़ेगी।
इस संबंध में प्रशासन का स्पष्ट संदेश है कि जिले में अवैध खनिज परिवहन के प्रति ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति अपनाई जा रही है। यह कार्रवाई उन सभी तत्वों के लिए सख्त चेतावनी है जो सरकारी राजस्व को नुकसान पहुँचाने का प्रयास कर रहे हैं। ज़ब्त वाहनों पर भारी जुर्माना लगाने के साथ-साथ कानूनी प्रावधानों के तहत कड़ी दंडात्मक कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।






