मध्य प्रदेश सरकार द्वारा दिव्यांगों के लिए चलाई जा रही योजनाएं भ्रष्टाचार और लापरवाही की भेंट चढ़ती नजर आ रही हैं। नईगढ़ी नगर परिषद के अधीन आने वाले दो दिव्यांग युवकों ने अपनी व्यथा मीडिया के सामने रखी।
दिव्यांग आदिवासी सूर्यभान कोल की पीड़ा:
ग्राम चकरहन टोला निवासी सूर्यभान कोल (35), जो दोनों पैरों से विकलांग हैं, पिछले दो वर्षों से ट्राई साइकिल पाने के लिए नईगढ़ी के विभिन्न कार्यालयों का चक्कर काट रहे हैं। बावजूद इसके, उन्हें अब तक सरकारी योजना का लाभ नहीं मिल पाया। सूर्यभान ने सीएम हेल्पलाइन में शिकायत भी दर्ज कराई, लेकिन उसे दबाव में रद्द करवा दिया गया।
सुरेश कुमार जायसवाल का दर्द:
नईगढ़ी के वार्ड क्रमांक 14 के निवासी सुरेश कुमार जायसवाल ने बताया कि उनकी पेंशन पिछले एक साल से बंद है। नगर परिषद कार्यालय में कई बार जाने पर भी उन्हें कोई मदद नहीं मिली। सुरेश ने आरोप लगाया कि जब वे सीएमओ से मिले, तो उन्हें कंप्यूटर ऑपरेटर गिरीश मिश्रा के पास भेज दिया गया, जिन्होंने पैसे की मांग की।
शासन की योजनाएं केवल कागजों तक सीमित?
मध्य प्रदेश सरकार ने दिव्यांगों की सुविधा के लिए ट्राई साइकिल योजना चलाई है, जिसके तहत जरूरतमंद दिव्यांगों को निशुल्क ट्राई साइकिल दी जाती है। लेकिन इन योजनाओं का लाभ वास्तव में दिव्यांगों तक नहीं पहुंच पा रहा है।
कलेक्टर अजय श्रीवास्तव से मदद की गुहार:
दोनों दिव्यांगों ने मऊगंज के कलेक्टर अजय श्रीवास्तव को अपनी समस्याएं सुनाई और उन्हें ट्राई साइकिल और पेंशन दिलाने की गुहार लगाई। कलेक्टर को दिव्यांगों का मसीहा माना जाता है, लेकिन प्रशासन की ओर से अब तक कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया है।
दीपक गुप्ता और अशोक विश्वकर्मा का विरोध:
सीएससी वीएलई और सामाजिक कार्यकर्ता दीपक गुप्ता ने पूरे मामले पर गहरी नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने प्रशासन पर भ्रष्टाचार और दिव्यांगों के प्रति लापरवाही का आरोप लगाया। रीवा जिला अध्यक्ष अशोक विश्वकर्मा ने भी कहा कि अगर पीड़ित दिव्यांगों को न्याय नहीं मिला तो वे बड़े आंदोलन की तैयारी करेंगे।
देवतालाब विधायक की चुप्पी पर सवाल:
इस पूरे प्रकरण में देवतालाब विधायक गिरीश गौतम ने चुप्पी साध रखी है। यह चुप्पी दिव्यांगों और उनके अधिकारों के लिए काम करने के दावों पर सवाल खड़े कर रही है।
मऊगंज के दिव्यांग अपनी समस्याओं के समाधान के लिए आंदोलन करने को मजबूर हैं। यदि प्रशासन और सरकार ने जल्द ही कार्रवाई नहीं की, तो यह मुद्दा बड़े स्तर पर तूल पकड़ सकता है।